पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध | Essay on Environmental Pollution in Hindi

           पर्यावरण प्रदूषण (Environmental pollution)

आप यही से पढना आरम्भ कर सकते है पर्यावरण प्रदूषण के विषय में l

परिचय  (Introduction)

पर्यावरण का तात्पर्य हमारे चारो ओर के वातावरण और उसमे निहित तत्वों और उसमे रहने वाले प्राणियों से है l हम अपने चारो ओर उपस्थित वायु, भूमि, जल, पशु-पक्षी, पेड़-पौधे आदि से है l और यही जब दूषित हो जाये तो इसे पर्यवारण प्रदूषण कहते है l  प्रदूषण हमारे जीवन की सबसे बड़ी समस्या है l प्रदूषण की वजह से हमारा पर्यावरण बहुत अधिक प्रभावित हो रहा है l प्रदूषण चाहे किसी भी तरह का हो l वह हमारे और हमारे पर्यावरण के लिए बहुत ही हानिकारक होता है l प्रदूषण से पृथ्वी दूषित होती है और उसका संतुलन भी बिगड़ जाता है l हम लोग एक प्रदूषित दुनिया में रह रहे है जहा पर वायु जल भोजन सभी चीजे दूषित है मनुष्य प्रजाति प्रदूषण को उत्पन्न करने में सबसे अहम् योगदान दे रही है लोग पोलीथिन और पेट्रोलियम जैसी चीजो का प्रयोग अधिक करते जा रहे है जिसकी वजह से पर्यावरण को बहुत हानि हो रही है वैज्ञानिको द्वारा भी पर्यावरण प्रदूषण को सूचीबद्ध किया जा रहा है l और हमारी सरकार भी इस विषय में बहुत चिंतित है l

पर्यावरण प्रदूषण

पर्यावरण प्रदूषण का अर्थ (Meaning of environmental pollution)

इसका अर्थ होता है पर्यावरण का विनाश अर्थात ऐसे माध्यम जिनसे हमारा पर्यावरण प्रदूषित होता है हमारे पर्यावरण प्रकृति और मानव की निर्मित चीजो के द्वारा गठित है लेकिन ये हमारे पर्यावरण काफी ज्यादा दूषित हो रहे है

पर्यावरण प्रदूषण के प्रकार  (Types of environmental pollution)

कहा जाये तो मुख्या तौर पर पर्यावरण प्रदूषण छः प्रकार का होता है l

1. जल प्रदूषण
2. ध्वनि प्रदूषण
3. वायु प्रदूषण
4 भूमि प्रदूषण
5. प्रकाश प्रदूषण
6. उष्मीय प्रदूषण

पर्यावरण प्रदूषण के कारण (Due to environmental pollution)

मनुष्य जाति इस स्थिति के लिए खुद ही जिम्मेदार है क्योंकि मनुष्य जाति ऐसी बहुत सी वस्तुओं का प्रयोग कर रही है जिसे बनाने के लिए बहुत हानिकारक पदार्थों का प्रयोग किया जाता है और जब ये चीजे फालतु बच जाति है तो इन्हें फेक दिया जाता है जिसकी वजह से हानिकारक कैमिकल्श आस पास के वातावरण में फैलने लगते है और पर्यावरण को प्रदूषित कर देते है l प्रदूषण की समस्या को बड़े – बड़े शहरो में ज्यादा देखा जाता है क्योंकी वहा पर 24 घंटे कारखानों का और मोटर गाड़ियों का धुआँ बहुत ज्यादा मात्रा में फ़ैल रहा होता है जिसकी वजह से लोगो को साँस लेने में बहुत समस्या होती है मनुष्य अपनी प्रगति के लिए वृक्षों को अंधाधुंध काटता जा रहा है जिसकी वजह से प्रदूषण की मात्रा बढती जा रही है l मनुष्य प्रकृति से मिले इस अमूल्य धन को व्यर्थ ही नष्ट करता जा रहा है पर्यावरण में कार्बन-डाई-आक्साइड की अधिक मात्रा हो गयी है जिसकी वजह से धरती के तापमान बढ़ने की वजह से ओजोन परत की हानि हो रही है जिसके कारण सूर्य की किरण सीधी धरती पर पहुचने लगी है और मनुष्य को अलग-अलग तरह की बीमारियां हो रही है l

इसके समाधान व रोकथाम (Solutions and prevention)

प्रदूषण से पर्यावरण को बचाने के लिए जल्द नियंत्रण की जरुरत है विभिन्न प्रकार के प्रदूषण से बचने के लिए चाहिए कि अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाएं, हरियाली की मात्रा अधिक हो। सड़कों के किनारे घने वृक्ष हों। आबादी वाले क्षेत्र खुले हों, हवादार हों, हरियाली से हरे-भरे हों। कल-कारखानों को आबादी से दूर रखना चाहिए और उनसे निकले प्रदूषित मल को नष्ट करने के उपाय सोचना चाहिए।

निष्कर्ष (Conclusion)

अगर प्रदूषण कम करना है तो सामाजिक जागरूकता की अवश्यकता है l जैसा कि हम सभी जानते हैं कि पीने के लिए उपयोग की जाने वाली पानी, भोजन उगाने के लिए उपयोग की जाने वाली मिट्टी, और साँस लेने के लिए हवा का उपयोग किया जाता है। ये तीनों के दूषित तत्व मानव के शरीर के अंदर पहुंच जाते हैं और परिणामस्वरूप रोग पैदा होते हैं।

आशा करता हु कि आपको  पढ़ कर अच्छा लगा होगा l

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