प्रदूषण पर निबंध | Essay on Pollution in Hindi

         प्रदूषण पर निबंध
(Essay on Pollution)

 

 

 आप यही से पढना शुरु कर सकते है प्रदूषण पर निबंध के विषय में !

परिचय । Introduction

मनुष्य प्रकृति की एक सर्वश्रेष्ठ रचना है इस आधुनिक दुनिया में प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन गया है। जो की पृथ्वी के जीवन को प्रभावित कर रहा है l और दिन-प्रतिदिन पर्यावरण को हानि पहुंचाते जा रहे है, जिससे हमारे जीवन को मुश्किल बनाते जा रहा है। कई तरह के जीव और प्रजातियां प्रदूषण के इन्हीं हानिकारक प्रभावों के कारण धीरे-धीरे विलुप्त होते जा रहीं है। पृथ्वी का वातावरण स्वाभाविक रूप से बिगड़ता चला जा रहा है

प्रदूषण पर निबंध

प्रदूषण के कई प्रकार है जैसे l   

1.वायु प्रदूषण (Air pollution)

वायु  हमारे जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण श्रोत है जब वायु में हानिकारक गैसे  जैसे – कार्बन-डाई-आक्साइड और कार्बन-मोनो-डाई आक्साइड मिलते है तो इसे वायु प्रदूषण कहते है वायु प्रदूषण को सबसे खतरनाक प्रदूषण माना जाता है, यह प्रदूषण मुख्यतः वाहनों से निकलने वाला धुआं है। और फैक्टरीयों के  हानिकारक धुआं लोगो के लिए कई प्रकार के बिमारियां होने का कारण है जैसे – अस्थमा,एलर्जी,सांस लेने में समस्या उत्पन्न कर देता है। दिन प्रतिदिन बढ़ते उद्योगों और वाहनों ने वायु प्रदूषण में काफी वृद्धि कर दी है। जिसने ब्रोंकाइटिस और फेफड़ो से संबंधित कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं खड़ी कर दी है।

2.जल प्रदूषण  (Water Pollution)

जल के बिना किसी भी प्रकार से जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है और जब इस जल में बाहरी अशुद्धियाँ जैसे – उद्योगों और घरों से निकला हुआ कचरा कई बार नदियों और दूसरे जल स्त्रोतों में मिल जाता है, जिसकी वजह से जल दूषित हो जाता है इसे जल प्रदूषण कहते है । जब बड़े – बड़े नगरो और शहरों के गंदे नालों और सीवरों के पानी को नदियों में बहा दिया जाता है l और भी बहुत कारण से जल या नदियों के पानी को दूषित कर रहे है l इसके कारण बहुत सी बीमारियां उत्पन्न हो रही है ।

3.ध्वनि प्रदूषण (Noise pollution)

मनुष्य को रहने के लिए शांत वातावरण की आवश्यकता होती है ध्वनि प्रदूषण एक और समस्या उत्पन्न हो गयी है डीजे,लाउडस्पीकर, कारखनों में चलने वाली तेज आवाज वाली मशीनों तथा दूसरे तेज आवाज करने वाली यंत्रो से जो शोर होता है। इसके साथ ही यह सड़क पर चलने वाले वाहन, पटाखे फूटने के कारण उत्पन्न होने वाला आवाज को ध्वनि प्रदूषण कहते है। ध्वनि प्रदूषण की वजह से हमारी सुनने की शक्ति कमजोर होती है और मनुष्यों में होने वाले मानसिक तनाव का मुख्य कारण होता है l ध्वनि प्रदूषण एक अत्यंत हानिकारक समस्या है l 

4.रेडियोएक्टिव प्रदूषण । Radioactive pollution

परमाणु परीक्षण लगातार होते रहते है l इससे जो प्रदूषण होता है l उसे रेडियोएक्टिव प्रदूषण कहते है l यहएक बहुत ही हानिकारक प्रदूषण होता है l जिसकी वजह से अनेक प्रकार से जीवन को हानि होती है l दुसरे विस्व्युद्ध के दौरान हिरोशिमा और नागासाकी पर जो परमाणु बम गिराए गए थे l उनके गंभीर परिणाम आज के समय में भी देखा जा सकता है l इसके साथ ही परमाणु बिजली केंद्रों में भी कचरे के रुप में उत्पन्न होने वाले अवयव भी रेडियोएक्टिव प्रदूषण को बढ़ाते है।

5.रासायनिक प्रदूषण (Chemical pollution)

जब  कृषि उपज में कारखानों से बहते हुए अशुद्ध तत्वों के आलावा अनेक तरह के रासायनिक उर्वरक और डीडीटी जैसी हानिकारक दवाईयों का प्रयोग किया जाता है l इन सब का हमारे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है इसे रासायनिक प्रदूषण कहते है l

प्रदूषण के कारण (Due to pollution)

कल कारखानों वैज्ञानिक साधनों का प्रयोग, फ्रिज, कूलर, वातानुकूल ,उर्जा संयंत्र आदि सभी की वजह से प्रदूषण अधिक बढ़ता है l प्राकृतिक संतुलन बिगड़ने की वजह से भी प्रदूषण होता है l जब वृक्षों की अँधा धुंध कटाई की जाति है तब भी प्रदूषण की मात्रा में वृद्धि होती है l संसाधनों का बिना जरुरत के उपयोग और भी बहुत कारणों से प्रदूषण होते है l

प्रदूषण के दुष्परिणाम (Side effects of pollution)

प्रदूषण की वजह से ही सर्दी – गर्मी और वर्षा का चक्र ठीक नहीं चल पता है सुखा, बाढ़, ओला सभी प्राकृतिक आपदाएं भी और पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है l और ओजोन परत में कई छेद हो चुके है l नदियों, तालाबों और समुद्रों में ज़िव – जन्तु मर रहे हैं l और कई देशों का मौसम भी बदल रहा है l कभी बिना मौसम के बरसात हो रहा है तो कभी बरसात का मौसम बिना बरसात के गुजरा जाता है ध्रुओं का बर्फ पिघलकर समुद्र में मिल रहे है l जिससे समुद्र के पास के सहर व् देशों डूब जाने का खतरा बढ़ रहा है l और भी बहुत गंभीर प्रदूषण के परिणाम है l

प्रदूषण कम करने के उपाय (Ways to reduce pollution)

कोयले जैसे ईधन को त्याग कर सौर उर्जा, विद्दुत जैसे विकल्पों को चुनना चाहिए नदियों और तालाबों में कारखानों के गंदे पानी और कचरे को जाने से रोकना चाहिए ज्यादा से ज्यादा वृक्षों और पेड़ों को लगाना चाहिए जिससे पर्यवारण का संरक्षण किया जा सके घरों और कारखानों में प्रयोग होने वाले चिमिनियों को ऊचा बनवाना चाहिए जिससे धुआं ऊपर की तरफ जाये हानिकारक रासायनिक उर्वरको के प्रयोग से बचना चाहिए रिसयिक्लिंग को बढ़ावा देना चाहिए और पटाखों का इस्तेमाल न करे, अपने आस-पास की जगहों को साफ-सुथरा रखकर,काम्पोस्ट का उपयोग किजिए,प्रकाश का अत्यधिक और जरुरत से ज्यादे उपयोग ना करके, रेडियोएक्टिव पदार्थों के उपयोग को लेकर कठोर नियम बनाकर आदि l

निष्कर्ष (Conclusion)

सामाजिक जागरूपता से प्रदूषण की मात्रा को कम किया जा सकता है l सोशल प्रचार के माध्यम से प्रदूषण बचाव से सम्बंधित संदेशो को लोगो तक पहुचाया जाना चाहिए और हमसे जितना हो सके उतना प्रदूषण को ख़त्म करने की कोशिश करनी चाहिए है ताकि हमारी इस पृथ्वी की खूबसूरती बरकरार रह सके। यदि अब भी हम इस समस्या का समाधान करने बजाए इसे अनदेखा करते रहेंगे, तो भविष्य में हमें इसके घातक परिणाम भुगतने होंगे।

आशा करता हु कि आपको प्रदूषण पर निबंध के विषय में जान कर आचा लगा होगा !

और अधिक पढ़े ! …………

Leave a Comment